जब हमारे खेतर मे घास उगाते हैं, तो हम घास को हटाते हैं। इसके कई औषधीय उपाय भी हैं। यह औषधीय उपचार किसी भी बड़ी बीमारी के इलाज में भी उपयोगी है। दवा से ठीक नहीं होने वाली बीमारी घास से ठीक हो जाती है। कई वर्षों से भारत के लोग आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से अपना जीवन जीते हैं। आज हम एक ऐसी औषधीय दवा के बारे में बात करेंगे जो सबसे बड़ी बीमारी के इलाज में बहुत उपयोगी है। जो पौधा “लूणी” है।

लूणी का उपयोग हमारी हड्डियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है। इसके पौधों में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है। जिससे इससे हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं। नियमित रूप से गुड़, दूध के साथ लूणी के पत्तों में लेटे रहने से हमारी हड्डियां मजबूत रहती हैं। इससे हमारे दांत भी मजबूत होते हैं।

उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए लूणी के पत्तों का रस पीयें और लूणी के बीजों का सेवन करें। रक्त के थक्के जमने की समस्या को दूर करने में लूणी बहुत उपयोगी है। नमक का सेवन एलडीएल और एचडीएल के स्तर को नियंत्रित करने में उपयोगी है। यह ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में उपयोगी है।

लूणी के पत्ते लीवर कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर को दूर करने में बहुत उपयोगी होते हैं। इसकी पत्तियों को चबाकर, इसका सलाद बनाकर, सब्जी या रब बनाकर यह कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। यह कैंसर विकार को जल्दी ठीक करता है।

लूणी मूत्र मार्ग में संक्रमण को ठीक करने के लिए उपयोगी है। लूणी के पत्तों को लेकर इसके रस का सेवन करने से, लूणी के थेपला बनाकर खाने से और इसके पत्तों को योनि या लिंग पर चिपकाने से मूत्र मार्ग के संक्रमण दूर हो जाते हैं। इसके बीजों को गर्म पानी के साथ सेवन करने से भी वजन कम होता है। यह शरीर से अतिरिक्त चर्बी को हटाता है। इसमें फाइबर होता है। यह सिर्फ कैलोरी में कम है। तो यह हमारे वजन को बहुत जल्दी कम करता है।

लूणी चर्म रोगों के लिए उपयोगी है। यह त्वचा के रोगों को मरहम की तरह ठीक कर सकता है और दवा से पहले भी चर्म रोगों को ठीक कर सकता है। इसके अलावा सबसे पहले रोगग्रस्त त्वचा को गर्म पानी से धो लें। क्षेत्र को धोने के बाद, लूणी से रस निकालें और इसे क्षेत्र पर लगाएं। इस तरह से त्वचा के सूख जाने के बाद लूणी का रस लगाने से त्वचा के संक्रमण, बैक्टीरिया से होने वाली एलर्जी आदि में सुधार होता है।

लूणी के पौधे में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन और इम्युनिटी पोषक तत्व ढेर सारे होते हैं जो शरीर की जरूरत के हर पोषक तत्व प्रदान करते हैं। और यही कारण है कि इस लूनी का सेवन आपको स्थायी रूप से स्वस्थ रख सकता है। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तो इस लूणी पौधे का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाएगी और इससे शरीर में नया रक्त बन जाएगा।

लूणी का सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है। यह भूख का इलाज करने, आंखों की रोशनी बढ़ाने, बच्चों में पेट के पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में उपयोगी है। लूणी सभी प्रकार के विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने के लिए उपयोगी है। यह सांप, बिच्छू, कीड़े, तितलियों, बीटल, कलाई, मधुमक्खियों आदि के जहर को नष्ट करने के लिए उपयोगी है। लूणी की पत्तियों को तोड़कर उन्हें खाने से विष नष्ट हो जाता है। और जहर शरीर से बाहर आ जाता है।