आज की व्यस्त जीवन शैली और बाजार में खाने-पीने की वजह से दुनिया के 90% से अधिक लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। विशेष रूप से मानसिक तनाव अधिक रहता है। इसके अलावा कई जगह नुकसान पहुंचा है। रुद्राक्ष अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने वाला फल है जिसमें अर्थ, धर्म, कर्म और मोक्ष चार बातें हैं। रुद्राक्ष की महिमा हर धर्म शास्त्र में बताई गई है।

रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को कभी मानसिक तनाव नहीं होता। रुद्राक्ष के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं। रुद्राक्ष का अलग-अलग दांव है। उन अनुमानों की संख्या 1 से 21 तक है । जिस प्रकार का रोग होता है उस प्रकार का रुद्राक्ष पहेनना बहुत लाभकारी होता है। रुद्राक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय माना जाता है। इस कारण कई लोग रुद्राक्ष की माला पलटकर मंत्रों का जाप करते हैं।

यदि कोई व्यक्ति बहुत जल्द बीमार हो जाता है या मानसिक रूप से पीड़ित हो जाता है तो उसे 14 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। 14 मुखी रुद्राक्ष उस व्यक्ति के लिए ब्रह्मास्त्र है वह कभी भी वातित रोग, मांसपेशियों के रोग या चर्म रोग से ग्रस्त नहीं होगा। धार्मिक शास्त्रों में रुद्राक्ष को बड़ा महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि सबसे बड़ी बीमारियों का इलाज रुद्राक्ष में होता है। रुद्राक्ष शरीर और मन को नियंत्रित करता है। और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

वैज्ञानिक रुद्राक्ष को विधयुत चुम्बकीय शक्ति भी मानते हैं। यह हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। जिन लोगों को दिल से संबंधित रोग हैं, उन्हें रुद्राक्ष पहनना चाहिए। कहा जाता है कि अगर रुद्राक्ष दिल को छू रहा है तो इससे दिल से जुड़ी हर बीमारी से राहत मिलती है। दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष पहना जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष पहनने से शरीर में रक्त संचार में सुधार होता है। और इंद्रियों को उज्ज्वल दिखने लगता है।

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें पंचमुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से तंत्र में सुधार होता है और घर में खुशियां बनी रहती हैं। जिन लोगों का मन बहुत बेचैन है, उन्हें 6 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करना चाहिए। अगर छोटे बच्चों को छह मुखी रुद्राक्ष पहेराया जाए तो पढ़ाई में उनकी एकाग्रता काफी बढ़ जाती है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में रुद्राक्ष काफी उपयोगी साबित हुआ है। जिन लोगों की आंखों में खुजली होती है या आंखों में जलन होती है तो रुद्राक्ष पहनने से आंखों में समस्या से राहत मिलती है। और कम उम्र में भी आंखों की नसें कमजोर नहीं होतीं।

इसके अलावा शरीर में किसी भो प्रकार का दर्द हो तो व्यक्ति को रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। क्योंकि रुद्राक्ष में एक ऐसा तत्व होता है जो शरीर की नसों में रुकावट को दूर करने में काफी मददगार होता है। रुद्राक्ष को धारण करने से हर कष्ट और रोग से मुक्ति मिलती है। रुद्राक्ष धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा तनाव चिंता की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

रुद्राक्ष मधुमेह के स्तर को भी संतुलित करता है। जिन लोगों को किडनी संबंधी समस्या है उनके लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। साथ ही रुद्राक्ष को धारण करने से सिर दर्द, डिप्रेशन, तनाव आदि समस्याएं दूर होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि हर रोग का मुख्य कारण ग्रहों की शत्रुता है।रुद्राक्ष धारण करने से ग्रहों की शत्रुता दूर होती है।

रुद्राक्ष की माला पहनने के कुछ नियम हैं, जैसा कि हम मंत्र जप के लिए उपयोग करते हैं, वो रुद्राक्ष कभी नहीं पहनना चाहिए । रुद्राक्ष को पहनने के लिए शुभ मुहूर्त देखना चाहिए। इसे कभी भी नहीं पहना जा सकता। नियमों का पालन करते हुए रुद्राक्ष पहनने वाले सभी लोगों का हर दर्द और कष्ट दूर हो जाता है। और मनोकामना पूरी होती है। रुद्राक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय माना जाता है।